Friday, November 9, 2018

बाबा हुसैन की शान में चंद शायरियां (नारायण नागवे हरदा)






Na Pooch Waqt Ki In Be’Zaban Kitaboun se,
Suno Azaan, To Smjho aaqa Hussain Zinda Hai…
……………..
Wo jis ne apny Na Na ka wada wafa kar dia
Ghar ka ghar supard-e-KHUDA kar dia
Nosh kar lia jis ne shahadat ka jaam
Us “Hussain Ibne-Ali” par lakhon salam
…………..
Dekha jo chand Moharram ka Karbala ka Fasana yad Aaya!!!!!
Tha Dhup me Tapti Ret pe Ahmad ka Gharana yad Aaya! !!!!
Akbar the Kahi Asgar the Kahi Kasim the Kahi Sarwar the Kahi!!!!!
Wo Dhup me Tapti Ret pe Haidar Ka Gharana yad Aaya!!!!!!
Sallallaho Alaihi wa Aalihi wasallam. ……………
ALI Ke Lal Paymber Ke Chain Zindabad,
HASAN Ke Sukun FATIMA ke Noor Zindabad,
He Jinka Pak Lahu Bas Wahi Pukarenge,
Har Ek Keh Nahi Sakta
HUSSAIN ZINDABAD
………………
Fir sham Aisa Khutba huwa Jayse ke Nabi Ho Mimbar Par!!!!!
Sajjad ko Aise waqt Bhi Haq Bat Sunana Yad Aaya!!!!!
Dekha hai chand Moharram ka Fir Aankh se Aansu Behte hai
Wo Karbo bala Fir Yad Aayi wo Sar ko Katana Yad Aaya!!!
Ay warsi tu bas Likhta chal Sabbir ki shan o sokat ko
Ek pal me Bhala ho jayega gar unaka Fasana yad Aaya!!!!
Sallallaho Alaihi wa Aalihi wasallam!
……………
Qatle Hussain Asl Main Khtme Me Yazeed Hai
Islam Zinda Hota Hai Har Qarbo Bala Ke Baad.
………….
Naame-Hussain Hashr Tak Aabad Rahega 
Barbad Tha Yazid Wo Barbad Rahega
Hussain Tere Khoon K Har Ek Khatre se
Gulshan Mere IMAN Ka Aabad Rahega🙏🏼
Ya Hussain
Haq Hussain
Maula Hussain. ….
………………
Alam Abbas ka Lekar Jaha ki Khak Chhanege
Ghame Shabbir me har ek Sitam ko khayr Janege
Fataawe Lakh ho Sadir Jehal ke Humpe Ay Aamir
Karenge Taziyadari na Unki ek Manege…
……………….
Husen ke zikr se  jo bhi jalta he . Insaniyat ki zaban Ham usko yazid kehte he …
…………….
Kabr me Jo Puchenge Farishte….. Bata Tera Deen kya Hai
Kahunga Fakhr se Mere Khwaja Gareeb Nawaaz ne bataya hai
Deen Ast Husain Deen Panaah Ast Husain
(Deen Husain Hain Deen ki Panaah Husain Hain)
………………….
Jaalim Ko Apna Peer Banaane Nahi Gaye The Mere Moula Husain Alyahissalam…
Haath Milaane Nahi Gaye The Mere Moula Husain Alyahissalam…
Laakho Salaam Faatemaa Zohraa Ke Laal Par…
Sajda Bachaaya Sar Ko Bachaane Nahi Gaye The Husai Alyahissalam…

Labbaiq Ya Husai Alyahissalam   Labbaiq 
……………….
Jabeen-E-Ibn-E-Ali Ki Niyaz Jari Hai…
Khuda K Deen Ki
Umr-E-Daraz Jari Hai…
Sajde May Rakh K Sir Ko Na Uthaya Hussain Ne…
Mere Hussain Ki Ab Tak Namaz Jari Hai…
*HAQ HUSSAIN MAULA HUSSAIN*
………………
*KARBALA* Nasib Se Jana Nasib Ho…
PHIR Laut Kar Wahan Se Na Ana Nasib Ho…
Aisa DAR-E-HUSSAIN A.S Pe Sajda Ho Akhri K Mujhe Apna Sir Na Uthana Nasib Ho…
*HAQ HUSSAIN MAULA HUSSAIN*
…………………
*HAQ HUSSAIN MAULA HUSSAIN*
✎ ” *AGAR JISM MAUT KE LIYE BANAYA GAYA HAI TO ALLAH KI RAAH ME SHAHEED HONA ISKA BEHTARIN ISTEMAAL HAI* “
_*Maula Imam Hussain Alyhissalam*_
*Baatil k saamne Jo Jhukaye Na Apna Sar Samjho k Us Zehan Ka Malik HUSSAIN hai*
……………..
♦Islam Ka Parcham Uthaya Hussain Ne
Mitata Huva Islam Bachaya Hussain Ne…
♦Hote Na Gar Hussain To Mit Jata Ye Islam
Khun Apna Deke Isko Bachaya Hussain Ne…
♦Tu Warsi Hussain Ke Naksh Kadam Pe Chal
He Sabr Karna Tuzko Sikhaya Hussain Ne…
………………….
⚡Yade Hussain Ko Ye Bhala Kya Mitayege..
Har Sal Ham Ye Mah  Moharram Manayege…
Choudaso Sal Pehle Jo Na Dab Saka Zara..
Ye Aaj Ke Yazidee Ise Kya Dabayege…
Ye Dil Ke Mamle He Mohabbat Ki Bat He..
Ye Raz Jahilo Ki Samaj Me Na Aayege..
Tu Warsi Sunaye Ja Karbal Ka Waqiya..
Ham Karbalaki Yad Me Aasu Bahayege…
………………..
Bas Isi Khauff Se ZaLim Ne PehNaayi ZanJeeR,
LaaKh BimaaR Sahi
KhooN To *ALI HAIDER* Ka Hain..!!!!
SaLaam Yaa Imam ZainuLAabideen AlahissaLaam
…………….
Darbar Mein Yazeed (L.A) Ko Hizyan Ho Gaya
Khutba Suna Toa Kufar Pareshan Ho Gaya
Sun Kar Aazan Syyed e Sajjad (A.S) Ne Kaha
Dekho Hamari Fatah Ka Elaan Ho Gaya





इस्लाम तुझे गोद मे पाला हुसैन ने
ठोकर लगी जब भी संभाला हुसैन ने
इस्लाम तेरी रगो मे चुभता था बार -बार
कांटा था एक यजीद निकाला हुसैन ने
……………..
सजदे से कर्बला को बंदगी मिल गयी;
सब्र से उमत को ज़िन्दगी मिल गयी;
एक चमन फातिमा का उजड़ा;
मगर सारे इस्लाम को ज़िन्दगी मिल गयी!
……………
*दीने नबी की होठों की मुस्कान हैं हुसैन,,,*
*नेजे पे बोलता हुआ कुरआन हैं हुसैन,,,*
*ख़्वाजा पिया ने अपने क़लम से लिख दिया,,,*
*बुनियादें ला इलाह की पहचान हैं हुसैन,,,*
……………..
देती है बार बार सदा करबला की ख़ाक,
क़र्ज़ दार सारा ज़माना हुसैन का है..!!
लब्बैक या हुसैन 🙏🏼
……………..
*🌿मीली जो हम को वीरासत मे शान बाकी है*
*वही उरुज वही आन बान बाकी है*
*वही यज़ीद था जो मीट गया ज़माने से*
*वही हुसैन है जीनका नीशान बाकी है*
*अगर हो फ़ीर कोई कर्बो बला तो मत डरना*
*मेरे नबी का अभी खानदान बाकी है..!!*
……………….
जुल्म इतना हुआ के हवा मे उछाला पानी, 
सबर इतना किया के पलट के भी न देखा पानी, 
कौन कहता है के करबला मे प्यासे रहे हुसैन, 
सच तो ये है लब~ऐ~शब्बीर को तरसा पानी
…………….
🌹सू-ए कर्बला से सू-ए जन्नत तक कर्बला का ईमाम काफी है,
🌹सौ यजिंदो के वास्ते यारो एक हुसैनी गुलाम काफी है,
……………..
* #आका_हुसैन का #गुलाम हूं*
*हरदम #हुसैन_हुसैन करूंगा,*
*है #हुब्बे_हुसैन से #दिल मुअत्तर*
* #मरते_दम तक #हुसैन हुसैन करूंगा,*
* #कब्र में आएगा जो #फरीश्ता*
*वो ये कहकर #वापस चला जाएगा,*
*लिखा है #नामे_हुसैन_दिल पर*
* #हिसाब लेकर #क्या करूंगा,*​
…………
हुसैन  जिनके  दिलों  में  कयाम  करते  हैं !
 वह आंसुओं का भी बड़ा एहतराम -करते  हैं !!
जब भी  लिखता हूं  नामैं हुसैन कागज पर ,
फ़रिश्ते  मेरे कलाम  को  सलाम  करते  हैं !!
………….
बुलबुल ने छेड़ा जब भी तराना हुसैन का,
याद आया बार बार ज़माना हुसैन का.
देती है बार बार सदा करबाला की ख़ाक,
 है क़र्ज़ दार सारा ज़माना हुसैन का..
………….
यज़ीद के जुल्म पर सब्र करे उसे “हुसैन” केहते है,
नेजे पर कुरान की तिलावत करे उसे “हुसैन” केहते है,
अब्बास के बाजू सोंप कर जो नमाज को कजा भि ना करे  उसे “हुसैन” केहते है,
अली असगर का जिस्म उठा कर अख़लाक़ पेश करे उसे “हुसैन” केहते है,
कर ले यकीन “ख्वाजा मोईनुद्दीन” की बात पर “सिरहान”
घराना लुटा कर दिन बचाये उसे “दिन अस्त हुसैन” केहते है
…………….
बेटे ” हशन हुशैन ” से… आली जनाब हे 
एक आसमानी नूर के दो माहताब हे
 दोनो इमाम खल्क के हाजत रवा हुवे 
मुश्किल कूशा के बेटे भी मुश्किल कूशा हुवे
……………….
लोहे-कलम के मालिक, “ज़हरा” के चैन से,,,
किस्मत में जो नही है, वो मांगों “हुसैन” से..!!
सलाम या मौला हुसैन 🙏🏻
(रदि अल्लाहो अन्हो)
………….
*🌿मीली जो हम को वीरासत मे शान बाकी है*
*वही उरुज वही आन बान बाकी है*
*वही यज़ीद था जो मीट गया ज़माने से*
*वही हुसैन है जीनका नीशान बाकी है*
*अगर हो फ़ीर कोई कर्बो बला तो मत डरना*
*मेरे नबी का अभी खानदान बाकी है..!!*
……………
आँखो में इश्क अपने खेमे लगा रहे है,
गम के तमाम मौसम दिल में समा रहे है,
औलाद-ए-मुस्तफा पर गिरने के वास्ते,
फर्श-ए-अज़ा बिछा दो मोहर्रम आ रहे है ।
……………
कभी नाना के कंधे पर तो
कभी नेज़े की नोक पर,,
ऐ हुसैन…
हमने तुमको जब भी पाया, बुलंदि 
पर ही पाया …
या हुसैन ….
———-
जयपुर के शायर कृष्णा कुमार मयंक लिखते हैं ,
 जिसे इश्के अली हासिल नहीं है ,
अता ए रब के वह काबिल नहीं है .
खुदा का शुक्र है हम हिन्दुओं में ,
कोई हुसैन का कातिल नहीं है .”
_________
बता दिया है नबी ने उठा के कांधे पे
हुसैन तुझसे मोहब्बत नहीं तो कुछ भी नहीं।
………..
जन्नत का चान्द अर्श का तारा हुसैन है…
डूबे ना जो कभी वो सितारा हुसैन है..
वो शहादत तो देखिये ज़हरा के लाल की…
हर कौम कह रही है हमारा हुसैन है
…………
दरिया हुसैन का है समुन्दर हुसैन का,
प्यासो के वास्ते है लंगर हुसैन का !
है आरजु वहाँ भी मिले दर हुसैन का,
जन्नत मे बनके जाऊ मैं नौकर हुसैन का !
………….
सुरज ने अपने सर को अदब से झुका लिया,
नेजे पे जब बुलंद हुआ सर हुसैन का !
बाजु हमारे कट भी गए जंग मे अगर,
हम थाम लेगे दॉतो से परचम हुसैन का !
…………
 उसको नबी की मोहब्बत तलाश करती हे,
उसको अली की मोहब्बत तलाश करती हे,
 जमाने वाले तोह जन्नत तलाश करते हे,
“हुसैन” वालो को जन्नत तलाश करती हे,
. . . . . . . . ……..
दिन् रौता हे रात भी  रौती हे मौमीन की जात रोती है,
जब भी आता है मोहरम का महिना,
खुदा की कसम, गमे हुसेन में
सारी कायनात रोती है।🌹🌹
…………….
शाह अस्त हुसैन बादशाह अस्त हुसैन…
 (शाह भी हुसैन है,बादशाह भी हुसैन है..)
दीन अस्त हुसैन दीन पनाह अस्त हुसैन…
 (दीन भी हुसैन है दीन को पनाह देने वाले भी हुसैन है..)
सर दाद न दाद दस्त दर दस्ते यज़ीद…
 (सर दिया न दिया हाथ यज़ीद के हाथ में..)
हक्का के बिनाए लाईलाहा अस्त हुसैन..
 (हक़ीकत तो ये है कि लाईलाहा की बुनियाद हुसैन है..)
   *(फरमान-ए-ख्वाजा ग़रीब नवाज़)*
……………
*ना दुनिया की दौलत की आस थी ना शोहरत की आस थी*
*72 चले थे घर से करबला की जानिब उन्हें तो बस शहादत की आस थी*
*हुर के घोड़े ने जान लिया था  राहो में , मेरे आका को बस इन्ही लम्हो की तलाश थी*
*जब हुसैन पे अपना सर वारने की बात आई तो गर्म तपती जमी पे सबसे पहली हुर की लाश थी*
………..
name ghazi say khusbuay waffa aati hai
un kay rozay say ya hussain ki sada aati hai
jab b bethay hain hum abbas kay percham talay
aisa lagta ha kay jannat say huwa aati hai…
—————
Paas Jaata ju toh Jannat ki khushbu aati hai,
Dil dhadakta hai to Husain Husai ki sada aati hai,
Kabrme Meri Fariste Hath Ko Chumkar Hi Chale Gaye,
Ke Iske Haatho Mese Moula Husain Ke Alam Ki Khusboo Aati He,
————-
“Ajeeb Piyas Ti Woh jis ki Yad Me Ab Tak, 
Har Aik Ki Ankh Say Nehr e Furat Jari H”
(SALAM YA HUSSAIN (ASWS)
————
🇸🇦Hum Kiya Bata Sakenge Fazeelat *HUSSAIN* Ki,
🇸🇦Pusht-e-NABI Se Puchiye Azmat *HUSSAIN* Ki,
🇸🇦Kar Ke Bahana Jhule Ka Jibreel Baar Baar,
🇸🇦Har Baar Dekh Lete The Surat *HUSSAIN* Ki,
 …………………
SHABBIR Aap ki Piyas Nay Mehshar Ki Sham Tak
Aankhon Ki Har Furaat Ko Behna Sikha Diya.
————-
Tishna Labo ki Bhid he nehre furat par..
Payasi he qayanat Dariya Hussain Hai…
Haq Hussain Maula Hussain
…………..
*Hai Bandagi Ke desh Me Sab Se Bada Husain.*
*Karta Raha Khuda Ke Liye Kya Se Kya Husain.*
*Labbaik Log Kahte Hain Parwar Digaar Ko.*
*Parwar Digaar Kahta Hai*
*Labbaik Ya Husain…*
……….
वलियों का जिंदगी है पसीना हुसैन का 
जुल्मो सितम की मौत है जीना हुसैन का 
कह दो यजीदियों से वह अपने दिन गीने 
नजदीक आ रहा है महींना हूसैन का
………..
आक़ा के नवासो ने मूसल्ला नही छोड़ा
सर तन से जूदा हो गया सजदा नही छोड़ा
रहे जिस हाल मे भी लेकीन
ज़ैनब ने भी उस हाल मे परदा नही छोड़ा
देहन मे देहन हूसैन का है
ज़ूबा किसी की हो सूखन हूसैन का है
जिस मोहल्ले जिस गाँव मे शरबत पिलाया जाता हो
समझ लेना वो मोहल्ला मेरे हुसैन का है। 
…………
वो देख नोके सिना पर सफ़र हुसैन का है।
जहाँ किसी का नहीं है गुज़र वहां हुसैन का है।
हज़ारों सर हैं नमाज़ें जिन्हें बचाती हैं। 
नमाज़ को जो बचाले वह सर हुसैन का है
………..
वो तो दुनियाँ को दिखाना था मंज़र ऐ खास क़ुरबानी का, 
वरना जो छुरी “इब्राहिम” के बेटे पर न चल सकी, वो “मोहम्मद” के लाल पर क्या चलती।
…………..
यज़ीदियत जो कहीं सर छुपाए बैठी है
ख़ुदा का ख़ौफ़ नहीं उस को डर हुसैन का है।
ये करबला है बहत्तर गुलों का गुलदस्ता।
इसे सजाने में सारा हुनर हुसैन का हे
………..
छलक रहे हे आँसू 
चेन नहीं रहा दिल का,,,
बहुत नजदीक आ गया हे
महीना “मौला हुसैन” का..
………..
मांगो दुवा हुसैन के वसीले से खाली ना जाएंगी ॥
बात इनकी खुदा से कभी टाली ना जाएंगी ॥
इश्क -ए- गमे हुसैन में आंसू बहाकर देख ॥
इतनी खुशी मिलेगी संभाली ना जाएंगी ॥…
………..
* #उल्फत है मेरी #नस्लो पुरानी #हुसैन से*
* #पायी है मेरे #खुँ ने #रवानी_हुसैन से*
* #बचपन से #मेरी_माँ ने #सबक ये दिया #मुझे *
* #खाना_ALI से मिलता है #पानी_हुसैन से…*
………….
शाम के बाज़ार मे खुत्बे मे ज़ैनब ने कहा,
कहां तलक लूटोगे हमे, हमारी खुल्द तक जागीर है..!!
…………
“HAQ Ne Kuch Itni Tawajjo Say Banaey PANJETAN”
“Kuch Nahi Aata Nazar Hum Ko Siwaey PANJETAN”
“Pattharo’n Ko Koi Poojay Ya Kissi Insan Ko”
“Apna To Mabood-E-Bar-HAQ Hai KHUDA-E-PANJETAN”
“Sirf Mujh Par Hi Nahi Saya-Figan Un Ka Karam”
“Wus,at-E-Konain Hai Zair-E-Kisa-E-PANJETAN”
“Joh KHUDA Ko Chaahtey Ho, Jin Ko Khud Chaahey KHUDA”
“Kaun Hai Aisa Zamaney Mein Siwaey PANJETAN”
“Chashm-E-Insaan Bhi Zameen Par In Kaa JaLway Dekh Ley”
“Sirf Iss MaQsad Say Iss Duniya Mein Aaey PANJETAN”
“Ye Zuban-E-Be-Hunnar Kaisey Karey Un Ki Sana”
“Juzz KHUDA Kay Kiss Sey Mumkin Hai Sanaey PANJETAN”
“Koi Rab Say Be-WasiLa Baat Kar Sakta Nahi”
“Rabt Hai Makhlooq-O-KHAALIQ Kaa Wilaey PANJETAN”
“PANJETAN* Aaty Hain Uss Kay Ghar Pey Jannat Chhor Kar”
“Jiss Kay Ghar Mein Hota Rehta Hai SANA-E-PANJETAN”
“Fakhr Hai Iss Par Mujhey Nisbat Baray Logon Say”
“Main Gulaam Hu Unka Mera Imaan PANJETAN”
Salaam Yaa PANJETAN PAAK (AlaihisSalam)
……………..
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
राह से भटक गये तो मंजिल से दूर हो जावोगे,
अहलेबैत से बिछड़ गये तो हक़ से दूर हो जावोगे,
इस घर से मिलती है रोटीयां फरिश्तो को भी यहाँ,
इस दर से मुह मोड़ लीया तो जन्नत से दूर हो जाओगे 
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
………..
🌹 सलाम हुसैन आली मकाम 🌹 
🌹💠💠💠💠💠💠💠🌹 
हुसैन तुमको जमाना सलाम कहेता हे 
तुम्हारे सजदे को काबा सलाम कहेता है 
🌹💠💠💠💠💠💠💠🌹 
चले थे तयबा से तस्लीम और रजा के लीये 
वतन को छोड़ दिया दस्ते करबला के लिये 
तमाम धरको लुटाया सिरफ खुदा के लीये 
तुम्हारे नाना का रोजा सलाम कहेता हे 
🌹💠💠💠💠💠💠💠🌹  
सहर के डूबते तारे सलाम कहेते हे 
उबलती नहेर के धारे सलाम कहेते हे 
खलीले हक्के इशारे सलाम कहेते हे 
कलामे पाक के पारे  सलाम कहेते हे 
जबीने दहर का सजदा सलाम कहेता है 
🌹💠💠💠💠💠💠💠🌹 
हकीकतों की तजल्ली उभार ने वाले 
दिलो में जल्वऐ वहेदत उतार ने वाले 
लहुसे दिने मुबिको सवार ने वाले 
गला कटा के खुदा को पुकार ने वाले 
वो देखो अर्श का परदा सलाम कहेता हे 
🌹💠💠💠💠💠💠💠🌹 
लुटाया धरको मगर हक्को पालिया तुमने 
वफाओ सब्रका जामा बना लिया तुमने 
रजा को मकसदे आला बना लिया तुमने 
जवान बेटे का लाशा उठा लिया तुमने 
तुम्हारी प्यास को दरिया सलाम कहेता हे 
🌹💠💠💠💠💠💠💠🌹 
चमकती तेगोके साये में गोदियों के मकी 
धडक रहे हे कलेजे लरज रही है जमी 
परो को अपने सभाले रहे हे रूहअमी 
न जाने तीर गलेसे निकल गया के नही  
तेरी वफ़ा को जमाना सलाम कहेता हे 
🌹💠💠💠💠💠💠💠🌹 
अजल की गोदसे अकबर सलाम कहेते हे 
नन्नि सी कब्र से असगर सलाम कहेते हे 
नबी रसूल पयम्बर सलाम कहेते हे 
चिरागों मस्जिदों मिम्बर  सलाम कहेते हे 
मदीने वालो मदीना सलाम कहेता हे  
🌹💠💠💠💠💠💠💠🌹 
करारे फातमा खेरुन्निशा खुदा हाफिज 
हुसैन चल दीये तेगो जफ़ा खुदा हाफिज 
नबी की रूह दिले मुर्तुजा खुदा हाफिज 
चले वतन को सुऐ  करबाला खुदा हाफिज 
हर ऐक ऐहले मदीना सलाम कहेता हे 
🌹💠💠💠💠💠💠💠🌹 
रसूले पाक्की आखो के आप तारे हो 
अली का चेन हो खेरुन्निशा के प्यारे हो 
हमारे आपही मौला फकत सहारे हो 
नबी की दिन की कश्ती के तुम किनारे हो 
अली के लाल को काबा सलाम कहेता हे 
🌹💠💠💠💠💠💠💠🌹 
तुम्हारे चाहने वाले सलाम कहेते हे 
अकेला मेही नही खासो आम कहेते हे 
जुकाऐ सरको तुम्हारे गुलाम कहेते हे 
कुबूल किजये आका सलाम कहेते हे 
अलिके लाल को काबा सलाम कहेता हे 
🌹💠💠💠💠💠💠💠🌹 
जवान बेटेकी मैयत उठा रहे हे हुसैन 
खुदा की राहमे धरको लुटा रहे हे हुसैन 
हमारे वास्ते सरको कटा रहे हे हुसैन 
रजा ओ सब्र से दिन को बचा रहे हे हुसैन 
नबी के चेनको काबा सलाम कहेता हे 
🌹💠💠💠💠💠💠💠🌹 
………….
🌹यादे हुसैन ⭐ मनकबत 🌹
प्यासे करबलमे ये उम्मत को बचाने वाले 
ऐसे हो ते है मोहमंद के घराने वाले 
राहे तस्लीम पे वो सरको कटाने वाले 
हक की हरबात को करबल में सुनाने वाले 
ऐक कतरा भी जो पानीका न पानेवाले 
अपनी उम्मत के लीये धरको लुटाने वाले 
तेग थी बरछी थी भाले भी थे ख़ंजर भी थे 
ऐसे माहोलमे हक्क बात सुनाने वाले 
अय यजीदी तेरा ना काम बनेगा कोई 
अब भी बाकी है मोहमंद के घराने वाले 
हक का पैगाम लीये धरसे वो निकले सारे 
प्यासे सब रेह गये करबलके वो जाने वाले 
यादे हुसैन ना मीट पाई न मीट पाऐगी 
मिटते देखो है बहोत इस को मिटाने वाले 
देख तारीख उठा और तू पढ़ले नादाँ 
मीट गये देख ले वो हक को मिटाने वाले 
ऐक भी कटरा ना पानी का पिया करबल में 
सारी उम्मत को है कौसर जो पिलाने वाले 
,मोमिन,जन्नती फिर तू भी तो केहलाऐगा 
यौमे आशूरा को अय आंसू बहानेवाले 
……………
*टुटे हुए दिलो का सहारा हुसैन ह *
डुबे न जो फलक पे वह तारा हुसैन है
अहले खिरद समझ न सके क्या हुसैन है
नाना के जिसमे पाक का साया हुसैन है
ईमान और कुरफ मे निस्बत कोई नही
दुनिया है रात और सवेरा हुसैन है
यह भी तुमहे ख्याल न आया यजिदियो
सरकारे दो जहा का नवासा हुसैन है
होकर शहीद जिन्दगीए जाविदा मिली
जिन्दा था और आज भी जिन्दा हुसैन है
बैअत न की कुबुल मगर कटा दिया
ऐसा जहा मे कौन है जैसा हुसैन है
जननत का फुल सैयदे कौनेन के लिए
और फातिमा की आंख का तारा हुसैन है
बज्मे रसुल पाक मे देखा है राज ने
सरकार है चिराग उजाला हुसैन है
………….
मेरे हुजूर की आखो के अय हसीं तारे 
तेरे निशार जमाने के सारे नजजारे 
फिजाऐ होगई रौशन हटे हे अध्यारे 
तेरे ही दमसे नबि कि उमंत के उजाले
नबी के चेन को काबा सलाम कहेता हे 
……………
Hazaro Mein 72 Tan They Tasleem o Raza Wale 
Haqeekat Mein Khuda Inka Tha Aur Yeh They Khuda Wale.
Kisi Ne Jab Watan Poocha To Yoon Hazrat Ne Farmaya ,
Madine Wale Kehlate They Ab Hain Qarbala Wale.
Ye Nara Hur Ka Tha Jis Waqt Fauj e Shaam Se Nikla ,
Ki Dekho Yoon Nikaalte Hain Jahannum Se Khuda Wale.
HUSSAIN- IBNE- ALI Ki Kia Madad Kar Sakta Hai Koi.
Yeh Khud Mushqil Kusha Hain Aur Hum Mushqil Kusha Wale.
………..
*ALI KO FATAH E BADRO HUNAIN KEHTE HAIN*
*HASAN KO QALB MUHAMMED SAW KA CHENN KEHTE HAI*
*WAFA KI AAKHRI MANZIL KA NAAM HAI ABBASS*
*KAMAL E SABR RAZA KO HUSSAIN KEHTE HAIN*
………..

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